बलरामपुर जिले में भी रोडवेज बसों के रफ्तार पर व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम से लगाम लगेगी। बलरामपुर डिपो की सभी 85 बसों में वीटीएस लगाने की तैयारी है। 80 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक रफ्तार होने पर मैसेज आएगा। डिपो मुख्यालय में बन रहे कंट्रोल रूम से रोडवेज बसों की सीधे निगरानी की जाएगी।
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जाने कैसे काम करता है यह उपकरण
नई दिल्ली से बलरामपुर आ रही रोडवेज बस व बलरामपुर से लखनऊ के लिए रवाना हुई बस बीच रास्ते में कहां पर है। कितनी देर में अपने निर्धारित स्थान पर पहुंचेगी। वाहनों की रफ्तार क्या है। कितनी रफ्तार से चलाई जा रही है। वाहन मालिक को अब हर पल की जानकारी होती रहेगी। व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) से हरेक मूवमेंट की जानकारी मिल सकेगी। अब नए वाहनों में वीटीएस जरूरी कर दिया गया है। ऐसा न होने पर परिवहन विभाग से वाहन का रजिस्ट्रेशन भी नहीं हो सकेगा। यह प्रयोग टैक्सी और अन्य यात्री वाहनों के लिए शुरू किया गया है। केंद्रीय सड़क एवं यातायात मंत्रालय के मुताबिक सभी तरह के नए पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर यह नियम लागू होगा। हालांकि निजी वाहन मालिक भी इसे लगा सकते हैं, लेकिन उनके लिए इसे अभी अनिवार्य नहीं किया गया है।
यह होंगे फायदे
देश में गाड़ी कहीं भी चल रही हो उसकी लोकेशन का पता लग जाएगा
गाड़ी की स्पीड का पता लगेगा
गाड़ी ओवर स्पीड होने पर एप के जरिए नोटीफिकेशन आ जाएगा
वाहन चोरियां रुकेंगी, चोरी पर रियल टाइम में वाहन की ट्रैकिंग कर सकेंगे।
स्कूल बसों में बच्चों के सुरक्षित परिवहन के लिए भी हो सकेगा
इस डिवाइस को गाड़ी के मुख्य करंट वायर से जोड़ा जाएगा ताकि यह 24 घंटे चालू रहे। इस ट्रेकिंग सिस्टम में जीपीएस भी लगा रहेगा। वाहन मालिक के मोबाइल पर अकाउंट बनाकर इससे कनेक्ट किया जाएगा। परिवहन निगम ने रोडवेज बसों में बीटीएस लगाने का निर्णय लिया है। डिपो के मौजूद बसों का विवरण निदेशालय को भेज दिया गया है। जल्द ही रोडवेज बसों में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगने की उम्मीद है - गोपीनाथ दीक्षित, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक बलरामपुर