शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी धाम देवीपाटन को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर विकसित करने की कार्ययोजना तैयार, जल्द ही शुरू होगा निर्माण कार्य

बलरामपुर जिलें के तुलसीपुर स्थित मां पाटेश्वरी देवी शक्तिपीठ देवीपाटन धाम को विकसित करने की कार्ययोजना अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। देवीपाटन मंदिर अब आकषर्ण का केंद्र भी बनेगा। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर मंदिर का विकास कराया जाएगा। शारदीय व चैत्र नवरात्र में शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर में देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होता है। मां पाटेश्वरी की पूजा-अर्चना करने के साथ श्रद्धालुओं को अब पर्यटन का लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा।






यह भी पढ़े : उत्तर प्रदेश के इस जिले में घर के बाहर और छत पर न सोने का आदेश, जाने क्या है कारण?



अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर की पहचान है। यह मंदिर मां दुर्गा की प्रसिद्ध 51 शक्तिपीठों में से एक है। श्री देवीपाटन धाम तीर्थ विकास परिषद घोषित होने के बाद यहां पर्यटकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इसी के मद्देनजर देवीपाटन धाम एवं उसके आसपास पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके लिए तीर्थ बने विकास परिषद कार्यालय, पर्यटकों के विश्राम के लिए भवन का निर्माण, परिक्रमा पथ, यात्री शेड, शौचालय व पेयजल जैसी सुविधाओं का विकास कराने का खाका तैयार किया गया है। देवीपाटन विकास परिषद ने तीर्थ क्षेत्र में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर पर्यटन का विकास कराने के लिए एक अरब 20 करोड़ रुपये की कार्ययोजना तैयार की है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में सिर्फ 40 करोड़ रुपये पहली किस्त के रूप में मिलने की संभावना है।



इन कार्यों से निखरेगा तीर्थस्थल देवीपाटन मंदिर



कार्ययोजना की रूपरेखा      रुपए(करोड़ में)


सुंदरीकरण व पर्यटन विकास    15 करोड़


मंदिर परिसर पर पार्किंग निर्माण    10 करोड़


मंदिर परिसर के सूर्यकुंड का जीर्णोद्धार     05 करोड़


मंदिर परिसर में ध्वनि व प्रकाश        15 करोड़


तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र का निर्माण     24 करोड़


कैफेटेरिया एवं कॉरिडोर का निर्माण   20 करोड़


पर्यटन सुविधा     16 करोड़


इलेक्ट्रिक सब स्टेशन व वाह्य विद्युतीकरण    15 करोड़



50 एकड़ भूमि का होगा अधिग्रहण


शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर धाम के विकास के लिए 50 एकड़ भूमि का अधिग्रहण होगा। धाम व इसके आसपास पर्यटन स्थल बनने से तराई का विकास होगा। सालभर पर्यटकों के आने से यहां के डेढ़ लाख लोगों को कई क्षेत्रों में रोजगार के अवसर मिलेंगे।



यह भी पढ़े : उत्तर प्रदेश के इस जिलें में बनने वाली नई रेलवे लाइन के लिए शुरू हुआ सर्वे




स्थापत्य वास्तुकला की सजावट लुभाएगी


कॉरिडोर के डिजाइन में शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर तुलसीपुर के पीछे स्थित तालाब को रिवर फ्रंट बनाकर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना तैयार की गई है। मंदिर के अंदर व बाहर पौराणिक नागर (उत्तर भारतीय), द्रविड़ (दक्षिण भारतीय) व वेसर (मध्य भारतीय) शैली के साथ स्थापत्य वास्तुकला की सजावट भी पर्यटकों को लुभाएगी



बजट मिलते ही शुरू होगा काम


काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर धाम विकसित करने की योजना तैयार है। शासन ने कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) को नामित किया है। बजट के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। बजट मिलने के बाद तत्काल पर्यटन स्थल का विकास शुरू करा दिया जाएगा। - पवन अग्रवाल, डीएम बलरामपुर

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.