विगत दिनों हुई बारिश और नेपाल द्वारा पानी छोड़े जाने के कारण खतरे के निशान के करीब पहुंची राप्ती नदी का जलस्तर सोमवार की शाम से कम होना शुरू हो गया। शाम पांच बजे तक राप्ती नदी खतरे के निशान से पांच सेमी नीचे पहुंच गई। नदी का जलस्तर घटने के साथ ही स्थानीय लोगों को कटान की चिंता सताने लगी है। वहीं दिन में लौकहवा डिप सहित अन्य मार्गों पर पानी भरा रहने से लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ा।
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खतरे के निशान से मात्र 2 सेमी नीचे थी राप्ती
सोमवार सुबह आठ बजे राप्ती नदी खतरे के निशान से महज दो सेमी ऊपर पहुंचकर स्थिर हो गई। वहीं शाम से नदी का जलस्तर घटने लगा। शाम पांच बजे राप्ती नदी का जलस्तर 104.570 मीटर रिकॉर्ड किया गया। राप्ती खतरे के निशान से पांच सेमी नीचे है। प्रशासन का दावा है कि वर्तमान में किसी भी ग्राम में जलभराव की सूचना नहीं है, स्थिति सामान्य है। वैसे राप्ती नदी के जलस्तर को देखते हुए राजस्व, पुलिस, मेडिकल, बाढ़ खंड की टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
कटान ने बढ़ाई ग्रामीणों की चिंता
राप्ती नदी के कटान के चलते ग्राम सुरहिया देवर के ग्रामीण चितिंत हैं। ग्राम महुवा धनी की ग्राम प्रधान सुशील देवी का कहना है कि राप्ती नदी कटान कर रही है। इससे सुरहिया देवर में कई मकान व कृषि भूमि नदी की धारा में समा चुके हैं। ग्राम में बना राजकीय पालीटेक्निक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,आंगनबाड़ी व पंचायत भवन पर कटान का खतरा बढ़ गया है। ग्राम प्रधान ने गांव को कटान से बचाने के स्थायी उपाय कराए जाने की मांग की है। उपजिलाधिकारी अवधेश कुमार ने बताया कि कटान की जानकारी मिली है। संबंधित विभाग को निर्देशित किया गया है।