सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य की ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए चल रही योजनाओं को और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं. गुरुवार को पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम सचिवालय की अवधारणा को नीति आयोग ने मॉडल के रूप में मान्यता दी है. इसलिए अब सभी पंचायत भवनों को “ग्राम सचिवालय” के रूप में संबोधित किया जाए.
सीएम योगी की नई पहल
राज्य सरकार की ओर से जारी बयान में बताया गया कि सीएम योगी ने इस पहल को पंचायती राज व्यवस्था को नई पहचान देने वाला परिवर्तन करार दिया. उन्होंने ग्राम पंचायतों के कार्यों में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों की आत्मनिर्भरता ही राज्य के सतत विकास की नींव है.
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ग्राम सचिवालय की होगी स्थापना
सीएम योगी ने जानकारी दी कि प्रदेश की 57,695 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालयों की स्थापना हो चुकी है, जो लोकतंत्र की भावना को जमीनी स्तर पर मजबूत करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सचिवालयों में लगे कंप्यूटरों के माध्यम से पंचायत गेटवे पोर्टल से जुड़ी समस्त वित्तीय गतिविधियों का संचालन किया जाए.
तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के निर्देश
डिजिटल सुधारों की सराहना करते हुए योगी ने राज्य स्तरीय कॉल सेंटर, ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली, जियोफेंसिंग और इंटरनेट कॉलिंग जैसी तकनीकों के उपयोग को और बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने ग्राम सहायकों के लिए 15 दिवसीय कंप्यूटर प्रशिक्षण को अनिवार्य करने के निर्देश दिए, जिससे पंचायतों के काम ज्यादा दक्षता और पारदर्शिता से हो सकें. इसके अलावा, सीएम योगी ने कहा कि डिजिटल मंचों के माध्यम से ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायतों के कार्यों की प्रभावी निगरानी की जा सकती है और राज्य सरकार इसी दिशा में मिशन मोड में काम कर रही है.
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