Shubhanshu Shukla Axiom 4 Mission : केप कैनावेरल में रात का मौसम था जब भारत ने एक नई सुबह की शुरुआत की जब फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से फाल्कन-9 रॉकेट ने 2.31 बजे ET (12.01 बजे IST) उड़ान भरी.
गुरुवार को चार सदस्यीय चालक दल को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन ले जाने वाले 'ड्रैगन', एक्सिओम-4 अंतरिक्ष कैप्सूल की पायलट सीट पर भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला थे. शुक्ला ने अंतरिक्ष से संदेश देते हुए कहा है, मेरे कंधे पर मेरे साथ मेरा तिरंगा है, जो मुझे बता रहा है कि मैं अकेला नहीं हूं, मैं आप सबके साथ हूं.
शुभांशु शुक्ला का संदेश:
नमस्कार, मेरे प्यारे देश वासियों," अंतरिक्ष में प्रवेश करने के कुछ ही मिनटों बाद शुक्ला ने पृथ्वी को रेडियो पर कहा। "क्या यात्रा है! हम 7.5 किमी प्रति सेकंड (27,000 किमी प्रति घंटे) की गति से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं. मेरे कंधे पर मेरे साथ मेरा तिरंगा है, जो मुझे बता रहा है कि मैं अकेला नहीं हूं, मैं आप सबके साथ हूं".
अंतरिक्ष से शुक्ला का संदेश - "यह आई.एस.एस. तक मेरी यात्रा की शुरुआत नहीं है, बल्कि भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम की शुरुआत है" - 2035 तक अपना स्वयं का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने तथा चंद्रमा और उससे आगे मानवयुक्त मिशन भेजने की भारत की महत्वाकांक्षा को दर्शाता है.
शुभांशु शुक्ला ने स्पेसक्राफ्ट के अंदर से कहा कि ये मेरी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक की जर्नी की शुरुआत नहीं है, ये भारत की ह्यूमन स्पेस प्रोग्राम की शुरुआत है. और मैं चाहता हूं कि सभी देशवासी इस यात्रा का हिस्सा बनें. आपका भी सीना गर्व से चौड़ा होना चाहिए. आप भी उतना ही एक्साइटमेंट दिखाइए. आइए हम सब मिलकर भारत की इस ह्यूमन स्पेस जर्नी की शुरुआत करें. धन्यवाद, जय हिंद, जय भारत.
बता दें कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंचने के बाद वे स्टेशन का दौरा करने वाले पहले भारतीय बन जाएंगे और राकेश शर्मा के 1984 के मिशन के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन जाएंगे. 28 घंटे की यात्रा के बाद अंतरिक्ष यान के गुरुवार शाम करीब 04:30 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से डॉक होने की उम्मीद है.