महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी अधिनियम के तहत ग्राम पंचायतों में हो रहे मनरेगा कार्यों के भ्रष्टाचार पर रोक व कार्यों में परदर्शित लाने के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है।
अब कोई भी कार्य बिना चूने से सीमांकन और जियो टैगिंग फोटो अपलोड करने के बाद ही शुरू किया जाएगा हर कार्यस्थल पर चूने से कार्य का दायरा तय कर उसकी व मजदूरों की जियो टैग फोटो एनएमएमएस ऐप पर अपलोड कराना अनिवार्य कर दिया गया है। यह पहल मनरेगा कार्यों को अधिक जबाबदेह और पारदर्शी बनाने की दिशा में नई पहल है। सीमांकन की क्रिया से यह सुनिश्चित हो सकेगा कि किस क्षेत्र में कितना कार्य होना है और कितने मजदूरों को जरूरत है। इससे फर्जी हाजिरों पर भी लगाम लग सकेगा। ग्राम पंचायतों में तैनात तकनीकी सहायक और रोजगार सेवकों को इसके लिए निर्देश जारी किए गए हैं।
ग्राम पंचायत में मनरेगा से हो रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए अब हर कार्य स्थल पर पहले सीमांकन किया जाता। फिर जिओ टैग फोटे से श्रमिकों की मजदूर को मौजूदगी तय की जाएगी इसकी रिपोर्टिंग एनएमएमएस ऐप से की जाएगी। सचिव व तकनीकी सहायक की इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। नई व्यवस्था में ये होंगे फायदे ग्राम पंचायतों में फर्जी मजदूरी का मामाला आए दिन सामने आता रहता है। पहले जो लोग कार्य नहीं करते थे, फिर भी उनके खाते में मजदूरी पहुंच जाती थी। अब नई ब्यवस्था लागू होने पर अनुपस्थित को भुगतान नहीं किया जा सकेगा इसके अलावा योजनाओं की गुणवत्ता और समयबद्धत में सुधार होने के साथ वास्तविक मजदूरों को ही श्रम का पूरा मूल्य मिल सकेगा।