आख़िरकार बलरामपुर जिले का पहला सहकारी बैंक 28 वर्ष बाद खुलने जा रहा हैं। अब तक पांच हजार लोगों ने जिला सहकारी बैंक खोलने में मदद के लिए सदस्यता ली है। सहकारी बैंक के लाइसेंस के लिए रिजर्व बैंक को 51 लाख रुपये की एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) देनी है। बलरामपुर जिले के तीन लाख किसानों को जिला सहकारी बैंक में लेनदेन करने का लाभ मिलेगा। अगले माह दिसंबर में बैंक के गठन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
गोंडा जिले से अलग करके 22 मई 1997 में बलरामपुर को जिले का दर्जा दिया गया था। लेकिन अब तक बलरामपुर जिले में सहकारी बैंक नहीं खुल सका था। सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर के प्रयास से जिला सहकारी बैंकों के संचालन की राह आसान होने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सहकारी बैंक व्यवस्था में तकनीक के उपयोग व नए क्षेत्रों में काम करने की संभावनाओं को तलाशने पर विशेष जोर दिया है। केंद्र और प्रदेश सरकार के सहयोग से बलरामपुर में जल्द जिला सहकारी बैंक खुलने की उम्मीद है।
बलरामपुर जिले के भगवतीगंज नगर में स्थित क्रय-विक्रय समिति के गोदाम जो वर्तमान में जिला पूर्ति कार्यालय है। उसी समिति के गोदाम पर जिला सहकारी बैंक खोलने की तैयारी शुरू कर दी गई है। समिति के गठन की कार्रवाई चल रही है। कई बार आंतरिक बैठकों का आयोजन हो चुका है। दिसंबर तक जिला सहकारी बैंक खोलने के लिए समिति के गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और इसके बाद रिजर्व बैंक में लाइसेंस के लिए प्रस्ताव दिया जाएगा।
जिला सहकारी बैंक का संचालन शुरू होने के बाद तहसील व ब्लॉक स्तर पर भी बैंकों के संचालन की कवायद की जाएगी। बलरामपुर सदर, तुलसीपुर और उतरौला तहसीलों में बैंक संचालित किए जाएंगे। इसके बाद जिले के सभी नौ बलॉकों पर बैंकों का संचालन किया जाएगा। इसके साथ ही सायंकालीन बैंक का भी संचालन होगा।
