यूपी के बस्ती में तकनीक का सही प्रयोग करने वाली अलेक्सा गर्ल के नाम से फेमस हो चुकी निकिता के त्वरित सोच और फैसला लेने की क्षमता के महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी के मालिक आनंद महिंद्रा भी कायल हो गए हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर निकिता की जमकर तारीफ की है। निकिता की पूरी पढ़ाई के बाद आनंद महिंद्रा ने अपनी कंपनी में उसे जॉब तक ऑफर कर दिया है।
आनंद महिंद्रा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि तकनीक का गलत इस्तेमाल हमें गुलाम बना देगी, लेकिन अगर इसका सही इस्तेमाल हुआ तो वह हमें मालिक भी बना सकती है। तकनीक के मामले में निकिता की त्वरित सोच उसे असाधारण बनाती है। आगे उन्होंने लिखा कि निकिता की तरफ से किया गया कार्य पूरी दुनिया में तकनीक की सोच के लिए अप्रत्याशित है और उसमे एक नेतृत्व करने की क्षमता भी कूट-कूट कर भरी है। आनंद महिंद्रा यही नहीं रुके उन्होंने निकिता की पूरी पढ़ाई करने के बाद उसे अपनी कंपनी में जॉब तक ऑफर कर दिया। आनंद राज महिंद्रा के इस हौसला अफजाई से जहां निकिता के सपनों में पंख लग गए, तो वहीं उसका परिवार बेहद खुश हैं।
आखिर क्या हुआ ऐसा जिससे निकिता हुई वायरल!
बस्ती शहर के आवास विकास कॉलोनी में रहने वाली 13 साल की निकिता अपनी 15 महीने की भांजी वामिका के साथ घर में खेल रही थी। दोनों घर की पहली मंजिल पर किचन के पास सोफे पर बैठे थे। उस समय घर पर इन दो मासूम के सिवा कोई नहीं था तभी बंदरों का एक झुंड घर में दाखिल हो गया और वह किचन में जाकर बर्तन और खाने-पीने का सामान उठाकर फेंकने लगा। अचानक पास में बंदर को उत्पात मचाते देख दोनों बच्चियां घबरा गईं और 15 महीने की वामिका तो बुरी तरह से डर गई और मां-मां की आवाज लगाने लगी, लेकिन ऊपर की मंजिल पर कोई होता तब तो उसकी आवाज सुनता।
एलेक्सा की मदद से बंदरों को भगाया
बंदरों का झुंड उसकी ओर हमला करने बढ़ चला कि तभी निकिता की नजर फ्रिज पर रखे एलेक्सा डिवाइस की तरफ गई और मानो उसके दिमाग की बत्ती जल गई। उसने बोला एलेक्सा (डिवाइस) को वॉइस कमांड दिया और कहा कि एलेक्सा कुत्ते की आवाज निकालो। वायस कमांड पाते ही एलेक्सा कुत्ते की तरह भौं-भौं की तेज आवाज करने लगा। कुत्ता भौंकने की आवाज सुनते ही बंदरों में अफरा तफरी मच गई और बंदर कुत्ते की आवाज सुनते ही वहां से रफ्फूचक्कर हो गए और एक अप्रिय घटना होने से परिवार बच गया। परिवार के मुखिया पंकज ओझा ने बताया कि एलेक्सा का इतना बेहतर इस्तेमाल भी हो सकता है इसके बारे में हम कभी सोचे भी नहीं थे।