श्रावस्ती के पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया को लंदन के कैपिटल मीडिया ग्रुप ने लीडरशिप समिट 2025 में एंटी-डिसइन्फॉर्मेशन श्रेणी में श्रावस्ती के डीपफेक डिटेक्शन कैंपेन 2024 के लिए पोलारिस सिल्वर पोलारिस अवॉर्ड से सम्मानित किया है.
श्रावस्ती पुलिस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिला यह पहला अवॉर्ड है. श्रावस्ती के एसपी घनश्याम चौरसिया के नेतृत्व में नेतृत्वशाला और इंक्लूसिव एआई के सहयोग से डीपफेक तकनीक के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया गया. यह भारत में जिला स्तर पर शुरू किया गया अपनी तरह का पहला प्रयास था.
नोएडा स्थित नेतृत्वशाला संस्थान ने श्रावस्ती में डीपफेक डिटेक्शन पर विशेष कार्यशाला का आयोजन किया. इसे दुनिया की पहली डीपफेक-थीम्ड वर्कशॉप बताया गया. इस अभियान में आम लोगों को डीपफेक के खतरों से बचने के तरीके सिखाए गए.
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कैपिटल मीडिया ग्रुप की मैनेजिंग डायरेक्टर नाज़ली सेलिन ओज़कान ने प्रशस्ति पत्र में लिखा कि एशिया के एक छोटे जिले ने वैश्विक स्तर पर मिसाल कायम की है. उन्होंने कहा कि श्रावस्ती पुलिस ने एआई फॉर गुड की अवधारणा को यथार्थ में बदला है और डीपफेक के खिलाफ यह काम चुनावी पारदर्शिता का वैश्विक मानक बन चुका है.
कैपिटल मीडिया ग्रुप द्वारा यह भी अवलोकन किया गया कि दुनिया में किसी भी सरकारी एजेंसी द्वारा डीपफेक पर आयोजित पहली वर्कशॉप श्रावस्ती पुलिस ने नेतृत्वशाला के सहयोग से कराई थी. इसीलिए शासन-प्रशासन की तरफ से पहली बार तकनीकी रूप में किए गए इस नवाचार के लिए श्रावस्ती पुलिस और संस्था को संयुक्त रूप से सम्मानित किया गया.
इस सम्मान के साथ, श्रावस्ती पुलिस उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए तकनीक आधारित पुलिसिंग की नई दिशा की प्रेरणा बनकर उभरी है. यह सफलता समर्पित नेतृत्व, नवाचार, और जनसहभागिता का प्रतीक है.
यह अवॉर्ड न केवल श्रावस्ती जिलें की कार्यप्रणाली पर एक मुहर है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि छोटे जिले भी वैश्विक मंच पर बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.