गोरखपुर-शामली-पानीपत एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए हो रहा तीसरा सर्वे भी पूरा हो गया है। अब 22 जिलों का एलाइनमेंट सर्वेक्षण चल रहा है। तीनों सर्वे की अलग-अलग डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराई जाएगी, ताकि यह पता चल सके कि कितने पुल, ओवरब्रिज और फ्लाईओवर की जरूरत होगी। इनमें से एक को अंतिम रूप दिया जाएगा। अभी यह कार्य पूरा होने में तीन महीने का समय लग सकता है।
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गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेस के सर्वे की जिम्मेदारी एनएचएआई, रायबरेली को दी गई थी लेकिन अब यह योजना अयोध्या को दे दी गई है। वहीं, गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेस-वे पहले शामली तक बनने वाला था लेकिन बाद में इसे पानीपत तक विस्तार दे दिया गया है। नए सिरे से एलाइनमेंट सर्वेक्षण के पूरा होने के बाद रूट का निर्धारण तय हो पाएगा।
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प्रस्ताव के मुताबिक, इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण दो चरण में कराने की तैयारी है। पहले चरण में पानीपत-शामली से पुवायां तक करीब 450 किमी और दूसरे भाग में पुवायां से गोरखपुर के बीच करीब 300 किमी दूरी में निर्माण होगा। इस एक्सप्रेस-वे के बनने से यूपी का पूर्वी और पश्चिमी हिस्सा सीधे जुड़ जाएगा। सात से आठ घंटे में गोरखपुर से शामली पहुंच जाएंगे।
पहले हुए दो सर्वे में गोरखपुर से बस्ती, गोंडा, सीतापुर रूट था लेकिन अब नए सिरे से इसका निर्धारण हो रहा है। अब इस एक्सप्रेस-वे के नेपाल की सीमा से सटे जिलों से होकर लखनऊ, सीतापुर, बरेली और मेरठ होते हुए शामली तक जाने की उम्मीद बढ़ गई है। एनएचएआई के अधिकारियों के मुताबिक, एलाइनमेंट सर्वेक्षण का काम जल्द पूरा हो जाएगा। इसके बाद डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी जाएगी।
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इन जिलों को जोड़ेगा एक्सप्रेसवे
पानीपत, शामली, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बस्ती, गोरखपुर आदि
गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेस-वे के सर्वे का कार्य पूरा हो गया है। अब एलाइनमेंट का काम चल रहा है। इसके बाद डीपीआर तैयार होगी - अलंकृत पटेल, प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट, अयोध्या