बलरामपुर जिलें के पचपेड़वा ब्लॉक में नेपाल सीमा के पास स्थित रमवापुर व शिवपुरडिहवा गांव के लोग हर वर्ष बाढ़ व कटान झेलते हैं. इस वर्ष मॉनसून आने वाला है इसलिए ग्रामीणों को धंधिया पहाड़ी नाले से बाढ़ व कटान का डर सता रहा हैं. इससे बचाव के लिए बरसात से पहले 100 मीटर में कटानरोधी कार्य किये जाने की आवश्यकता है.
नेपाल से निकलने वाली धंधिया पहाड़ी नाला पचपेड़वा ब्लॉक के रमवापुर व शिवपुरडिहवा गांव में बरसात के दिनों में खूब तबाही मचाता है. पिछले 6 वर्ष से दोनों गांवों के पास पहाड़ी नाला कटान कर रहा है. जूड़ीकुइंया-जैतापुर मार्ग पर स्थित पहाड़ी नाले पर बना पुल भी कटान के जद में है. पुल के आसपास की जमीन नाले में समा चुकी है. वहीं, पहाड़ी नाले के कटान से दोनों गांवाें के 22 से अधिक किसानों की 55 बीघे जमीन कट चुकी है. नेपाल की पहाड़ियों से तेज बहाव के साथ पानी आने पर स्थिति और भी गंभीर हो जाती है. यदि बरसात से पहले पुल के पूर्व व पश्चिम तरफ 100 मीटर लंबाई में कटानरोधी कार्य करा दिया जाए तो दोनों गांवाें के साथ ही पुल को भी पहाड़ी नाले के कटान से बचाया जा सकता है.
शासन-प्रशासन नहीं कर रहा सुनवाई
ग्रामीण राजेश कुमार, पारस, छोटेलाल व रवि कुमार का कहना है कि धंधिया पहाड़ी नाले की कटान की जद में रमवापुर व शिवपुरडिहवा गांवों के साथ अब पुल भी आ चुका है. दोनों गांवों के पास स्थित पुल के किनारे 100 मीटर कटानरोधी कार्य के लिए कई बार मांग की गई, लेकिन शासन-प्रशासन में अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.
नेपाल सीमा पर स्थित रमवापुर व शिवपुरडिहवा के पास धंधिया पहाड़ी नाले पर कटानरोधी कार्य कराने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है. बजट मिलने का इंतजार किया जा रहा है.
- संजय कुमार, एक्सईएन बाढ़ खंड