भारत का एक ऐसा शहर जहां रहने से लेकर खाने तक नहीं खर्च करना पड़ेगा एक भी रुपया, बस यह है नियम!

आज के वर्तमान समय में कहा जाता हैं कि पैसा ही सबकुछ है पैसे के बिना जीने के बारे में सोचकर हर इंसान घबरा जाता है, लेकिन भारत में एक शहर ऐसा भी है, जहां पर रहने के लिए न तो आपको पैसे की ही जरूरत है और न ही यहां कोई सरकार रूल करती है। यहां पर कोई धर्म और जाति भी नहीं है।



भारत की सबसे बड़ी खासियत है कि यह विविधताओं से भरा देश है कई धर्म, जाति और अलग-अलग भाषाओं को बोलने वाले लोग हमारे देश को सबसे अनूठा और अलग बनाते हैं फिलहाल देश हो या फिर विदेश हर जगह की व्यवस्था बनाए रखने के लिए शासन और प्रशासन दोनों की जरूरत पड़ती है, लेकिन भारत में एक शहर ऐसा भी है, जहां कोई सरकार नहीं है, फिर भी ये शहर चलता है और वो भी बिना पैसे के!


शासन-प्रशासन के बिना शहर चलता है ये तो हैरानी की बात है ही, इसके साथ ही सबसे हैरानी की बात यह है कि यहां पर रहने से खाने तक के लिए आपको किसी तरह के पैसे की जरूरत नहीं पड़ती है और ये शहर भारत में ही है। चलिए जानते है आखिर वह कौन-सा शहर हैं जहाँ पैसे की जरूरत नहीं पड़ती हैं।


जहां न कोई सरकार, न ही धर्म और न ही पैसा है, इस शहर का नाम है ‘ऑरोविले’! ये शहर चेन्नई से 150 किलोमीटर दूरी पर विल्लुपुरम जिले के तमिलनाडु में स्थित है। इस शहर को ‘भोर का शहर’ ‘Sun Of Dawn’ भी कहा जाता है। दरअसल इस शहर को बसाने के पीछे का मकसद था कि यहां पर हर कोई बिना भेदभाव और बिना छुआछूत के रह सके।


आखिर कब और किसने बसाया ये शहर?


जानकारी के मुताबिक, ऑरोविले शहर सन 1968 में मीरा अल्फाजों द्वारा बसाया गया था। मीरा अल्फाजों 1914 में पुडुचेरी के श्री अरबिंदो स्पिरिचुअल रिट्रीट में आई थीं। प्रथम विश्व युद्ध के वक्त वह वापस जापान चली गईं, लेकिन सन् 1920 में दोबारा वापस लौटने के बाद 1924 में श्री अरबिंदो स्पिरिचुअल संस्थान से जुड़ीं और जनसेवा में लग गई।


इस अनोखे शहर में रहने के लिए क्या है यह शर्त?


ऑरोविले शहर को यूनिवर्सल सिटी कहा गया, यानी यहां पर कोई भी आकर बस सकता है। एक अनुमान के मुताबिक, यहां पर करीब 50 देशों के लोग रहते हैं और करीब 24000 आबादी है। यहां पर रहने के लिए बस एक ही शर्त है कि आपको यहां सेवक के रूप में रहना पड़ेगा।


न धर्म और न ही है कोई देवी-देवता


यहां पर कोई धर्म नहीं है और न ही किसी देवी-देवता की पूजा होती है। यहां सिर्फ एक मंदिर स्थापित है, जिसे मृातमंदिर कहा जाता है। यहां पर लोग मेडिटेशन और योग जैसी क्रियाएं करते हैं।


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