बलरामपुर शहर में अक्षय नवमी तिथि पर 10 नवंबर को सप्तकोसी परिक्रमा का आयोजन होगा। परिक्रमा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे। परिक्रमा के दौरान श्रद्धालु नगर के सभी प्रमुख मंदिरों का भ्रमण करते हुए पूजा-अर्चना करेंगे। नगर परिक्रमा कर श्रद्धालु अपने घरों में खुशहाली और सुख समृद्धि का आशीर्वाद मांगेंगे।
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112 वर्षो से हो रहा आयोजन
अक्षय नवमी पर सप्तकोसी परिक्रमा का आयोजन प्रतिवर्ष हो रहा है क्योंकि बलरामपुर राज परिवार का धार्मिक कार्यक्रमों से गहरा नाता है। राज परिवार के शासक शिव भक्त थे। शिव भक्ति के कारण बलरामपुर राज परिवार की तरफ से नगर में तमाम शिवालयों का निर्माण कराया गया था, इसलिए बलरामपुर को छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है।112 वर्ष पूर्व नगर परिक्रमा की शुरुआत भी की गई थी। शिवालयों की अधिक संख्या व नगर में सप्तकोसी परिक्रमा के चलते बलरामपुर नगर छोटी काशी के रूप में प्रख्यात है। 10 नवंबर को सुबह 8 बजे अक्षय नवमी तिथि पर झारखंडी मंदिर में पूजा-अर्चना एवं नारियल फोड़कर नगर की सप्तकोसी परिक्रमा का शुभारंभ किया जाएगा।
इन स्थानों से होकर निकलेगी परिक्रमा
परिक्रमा जुलूस झारखंडी मंदिर से शुरू होकर बिजलीपुर स्थित मां बिजलेश्वरी देवी मंदिर पहुंचेगी, जहां भक्त पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद परिक्रमा जुलूस रानी तालाब मंदिर, तुलसीदास पोखरा व नहर बालागंज होते हुए झारखंडेश्वर महादेव मंदिर धर्मपुर पहुंचेगा। यहां पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना के बाद परिक्रमा जुलूस गोशाला भगवतीगंज से संतोषी माता मंदिर होकर बलरामपुर राज महल नीलबाग पैलेस पहुंचेगा। यहां पर स्थित राधाकृष्ण मंदिर में पूजा-अर्चना होगी। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन के बिना नगर परिक्रमा अधूरी मानी जाती है। परिक्रमा जुलूस में शामिल सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद का वितरण किया जाएगा। वहां से निकलकर परिक्रमा जुलूस पुन: झारखंडी मंदिर पहुंचेगा। मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद सप्तकोसी नगर परिक्रमा का समापन होगा।