Balrampur News: देवीपाटन धाम कॉरिडोर के निर्माण की तैयारियां तेज, ब्लूप्रिंट तैयार करने के लिए बदले गए आर्किटेक्ट्स

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दूसरा घर कहे जाने वाले शक्तिपीठ देवीपाटन को और भव्य और दिव्य बनाने की कवायद तेज हो गई है। अयोध्या धाम में आने वाले धार्मिक पर्यटक शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर की भी राह पकड़ें, इसके लिए सरकार ने 42 करोड़ 50 लाख रुपये दिए हैं। बड़े मंदिरों पर कार्य करने वाले हाईटेक आर्किटेक्ट्स ने देवीपाटन कारिडोर के डिजाइन का ब्लू प्रिंट तैयार था, जिसे पसंद नहीं किया गया। नए आर्किटेक्ट के चयन की प्रक्रिया शासन स्तर पर चल रही है। एक-दो दिन में नए आर्किटेक्ट नामित कर दिए जाएंगे। उनके द्वारा नए सिरे से प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा। प्रोजेक्ट पर अंतिम मुहर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की लगेगी।




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अयोध्या में प्रभु श्रीराम का दर्शन करने के लिए देश और विदेश से आने वाले भक्तों का तांता लगा रहता है। धार्मिक टूरिस्टों को लुभाने के लिए योगी सरकार ने अयोध्या के आसपास के धार्मिक स्थलों को भी संवारने का काम शुरू किया है। इसी के तहत नेपाल सीमा से सटे तुलसीपुर में स्थित 51 शक्तिपीठों में से एक देवीपाटन मंदिर को भी विंध्याचल और बाबा विश्वनाथ की तर्ज पर संवारने की योजना है। देवीपाटन कारिडोर तैयार होने पर नेपाल के भी दर्शनार्थियों की आमद और बढ़ेगी। मंदिर के पीछे स्थित तालाब में रिवर फ्रंट बनाकर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।



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देवीपाटन मंदिर के अंदर व बाहर पौराणिक नागर (उत्तर भारतीय), द्रविड़ दक्षिण भारतीय) एवं वेसर (मध्य भारतीय) शैली के साथ स्थापत्य वास्तुकला की सजावट पर्यटकों को लुभाएंगी। मंदिर के आसपास पर्यटन का विकास कराने के लिए 50 एकड़ जमीन खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। ओड़ाझार और देवीपाटन गांव के 107 किसानों में से 75 किसानों की भूमि का बैनामा भी हो चुका है।



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संपूर्ण जमीन का बैनामा होने के बाद ही कारिडोर का काम शुरू किया जाएगा। नामित आर्किटेक्ट राहुल ने जो प्रोजेक्ट तैयार किया था, उसे पसंद नहीं किया गया है। इनके स्थान पर दूसरे आर्किटेक्ट को नामित करने की प्रक्रिया शासन स्तर पर चल रही है - मनीष श्रीवास्तव, जिला पर्यटन अधिकारी

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