बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन ने एक नई पहल शुरू की है। इसके तहत ग्रामीण महिलाओं को 'आपदा सखी' के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है। ये महिलाएं बाढ़ के समय लोगों की मदद करेंगी और राहत कार्यों में सहयोग देंगी। बलरामपुर जिले में हर साल बाढ़ से भारी तबाही होती है
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उपायुक्त स्वरोजगार मंजू त्रिवेदी ने बताया कि इसके लिए 140 स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की सूची तैयार कर भेज दी गई है। बलरामपुर जिले की तीनों तहसीलों सदर तुलसीपुर और उतरौला के 180 गांवों में से 140 गांवों की महिलाओं का चयन किया गया है। इन्हें लखनऊ में सात दिवसीय विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें महिलाओं को बाढ़ के दौरान पीड़ितों की मदद, सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने, महिलाओं व पशुओं की सुरक्षा और राहत कार्यों की जानकारी दी जाएगी
सदर तहसील से 36, तुलसीपुर से 64 और उतरौला से 40 महिलाएं शामिल की गई हैं। प्रशिक्षण पूरा करने पर प्रत्येक महिला को 300 रुपये प्रतिदिन मानदेय भी दिया जाएगा। ये "आपदा सखी" गांवों में लोगों को समय से सतर्क करने, सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाने और बचाव के उपायों को लेकर जागरूक करेंगी। प्रशासन का मानना है कि इस पहल से न केवल बाढ़ राहत कार्यों में तेजी आएगी, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी मिलेगा।