जलालुद्दीन उर्फ छांगुर की राजदार नीतू रोहरा ने गिरफ्तारी से पहले बड़ा दांव चला था। एटीएस ने बीते आठ अप्रैल को छांगुर के बेटे महबूब और नीतू के पति नवीन को गिरफ्तार किया था। इस कार्रवाई के बाद छांगुर बाहर भागने को तैयार नहीं था। इसी तरह नीतू भी पति को छुड़ाने के लिए फरार नहीं हुई। एटीएस की गिरफ्तारी से दोनों के कदम थम गए थे और लखनऊ में ही डेरा डाल दिया था।
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पहले तो उन्होंने एफआईआर को चुनौती दी। याचिका खारिज हुई तो दोनों कहीं भागने की तैयारी में थे। बताया जा रहा है कि नीतू मई महीने में गुपचुप उतरौला आई थी और दोनों कॉम्प्लेक्स में एक का सौदा करना चाहती थी। स्थानीय कुछ लोगों से संपर्क भी साधा था।
उस समय खरीदार उसकी मजबूरी का फायदा उठाना चाहते थे। कॉम्प्लेक्स का सौदा वह नहीं कर सकी, क्योंकि औने-पौने दाम पर ही लोग खरीदना चाहते थे। इसके बाद नीतू लखनऊ लौट गई। इसके कुछ दिन बाद एटीएस ने छांगुर और नीतू को पांच जुलाई को गिरफ्तार कर लिया। अब इस सौदे के लिए नीतू के आने की खासी चर्चा है।