छांगुर के साथ ही नीतू और नवीन से लेनदेन करने वालों की ईडी से सामना हुआ तो लोगों की जुबान लड़खड़ाने लगी। कइयों के माथे पर चिंता की लकीरें भी साफ दिख रही थीं। ईडी ने पूछताछ के दौरान किसी को बाहर आने-जाने की इजाजत नहीं दी। टीम ने छांगुर और नीतू के मकान और तीन दुकानों की छानबीन की। रेहरामाफी में छांगुर के पैतृक गांव में भी पूछताछ की।
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मधपुर में जमीन विक्रेता इसी गांव के पूर्व प्रधान जुम्मन खां, मधपुर में जमीन विक्रेता संतोष कुमार त्रिगुनायक व इनके भाई दुर्गेश कुमार त्रिगुनायक से सवाल जवाब किए। जमीन बेचने पर मिली धनराशि के बारे में जानकारी की। हुसैनाबाद ग्रिंट में ग्राम प्रधान अफसर अली, महमूदाबाद ग्रिंट के ग्राम प्रधान इब्तिदा खान उर्फ लल्लू, नगर के रफीनगर शोरूम पर काम करने वाले तीन सगे भाइयों मलिक शमीम, मलिक वसीम, मलिक अली अहमद के आवास पर छापा मारा। घर में ही देरशाम तक पूछताछ की। इस दौरान इन क्षेत्रों के लोग सहमे रहे।
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ईडी ने छापा मारने की रणनीति बहुत ही सटीक बनाई थी। लोगों को इसकी भनक भी नहीं लगी कि अभी ईडी भी जांच के लिए आ सकती है। सभी की निगाहें इस पर टिकी थी कि पहले ईडी छांगुर को रिमांड पर लेगी। लेकिन ईडी ने छांगुर से पूछताछ के पहले ही उनसे जुड़े लोगों की पड़ताल की योजना बनाई। सुबह छह बजे का समय तय किया, जिससे कोई घर से बाहर न निकल जाए। ईडी पहुंची, उस समय लोग घर पर ही थे। कुछ लोग तो सो ही रहे थे। इस तरह ईडी ने सधे अंदाज में कार्रवाई की, जिससे किसी को छुपने का मौका न मिल सके।