सैयारा मतलब तारों में इक तन्हा तारा, खुद जलकर जो रोशन कर दे जग ये सारा.' यह डायलॉग है, डायरेक्टर मोहित सूरी की मोस्ट अवेटेड फिल्म फिल्म 'सैयारा' का. सैयारा मूवी 18 जुलाई को थियेटर मे रिलीज़ हो चुकी है. आइये जानते हैं इसका रिव्यू.
मोहित सूरी की डारेक्शन मे बनी इस फिल्म मे आपको अहान पांडे (चंकी पांडे के भतीजे) और अनीत पड्डा के रूप में दो नए चेहरे दिखेंगे और उनके बीच ताजगी भरी केमिस्ट्री भी. कहानी की कमी-बेसी के बावजूद मोहित का प्यार का यह दांव इस बार भी सही ही बैठा है.
कहानी :
कहानी संगीत की दुनिया में चमकने का सपना देखने वाले एक उभरते हुए कलाकार कृष कपूर (अहान पांडे) की है. अहान के एंट्री शॉट से ही साफ हो जाता है कि वह 'आशिकी 2' के आरजे और 'रॉकस्टार' के जेजे टाइप बेपरवाह, गुस्सैल, सिगरेट के कश खींचने वाला बंदा है. जबकि, उसके उलट वाणी बत्रा (अनीत पड्डा) एक शांत, समझदार, खुद में गुमसुम रहने वाली लड़की है, जो हाल ही में एक दर्दनाक ब्रेकअप से बाहर आई है . हां, टैलंटेड दोनों खूब हैं.
कृष में गाने बनाने और उसे सुरों से सजाने का हुनर है, तो वाणी लिखती अच्छा है.ऐसे में, जब ये दोनों मिलते हैं, तो जाहिर है एक दूसरे की जिंदगियों में नए रंग भरते हैं. उनके सपने उड़ान भरने लगते हैं, मगर मोहित सूरी की फिल्म हो, तो कहानी में ट्रैजिडी भी लाजिमी है. वाणी के साथ कुछ ऐसा होता है, जो उसे कृष से दूर होने पर मजबूर कर देता है. ऐसे में, कृष अपने प्यार और सपनों में से किसे चुनता है? उनकी प्रेम कहानी क्या मोड़ लेती है? यह आपको फिल्म देखकर पता चलेगा.
एक्टिंग:
डायरेक्टर मोहित सूरी ने अहान पांडे और अनीत पड्डा से अच्छा काम निकलवाया है. अहान की स्क्रीन प्रेजेंस अच्छी है. कृष के रूप में उनकी एक्टिंग और बॉडी लैंग्वेज अच्छी है. हालांकि, उन्हें अपनी संवाद अदायगी पर और काम करना होगा. वहीं, अनीत भी मासूम वाणी के किरदार में जंचती हैं. उन्होंने मैच्योर अदाकारी की है.
बाकी सहयोगी कलाकारों को फिल्म में ज्यादा मौका नहीं मिला है. लेकिन हां, म्यूजिक इस फिल्म का एक बड़ा मजबूत पक्ष है. इस म्यूजिकल फिल्म का टाइटल ट्रैक 'सैयारा' समेत ज्यादातर गाने सुरीले हैं. इस फिल्म की म्युज़िक ने तो फिल्म मे चार चाँद लगाने का का किया है.
कैसी है मूवी :
प्रेम कहानियां एक लंबे अर्से तक बॉलीवुड की पहचान रही हैं. खुद मोहित सूरी 'आशिकी 2' से 'एक विलेन' तक कई लव स्टोरीज सुना चुके हैं. इस लिहाज से 'सैयारा' की कहानी में कुछ ऐसा नयापन नहीं है. शुरुआत में यह मोहित की ही 'आशिकी 2' का विस्तार लगती है, वहीं कहानी के ट्विस्ट की बात करें तो यह अजय देवगन-काजोल वाली 'यू मी और हम' और 'द नोटबुक' की याद दिलाती है. लेकिन जिस तरह से मोहित ने अपने किरदारों के प्यार को पर्दे पर उतारा है, वह बांधे रखता है। खासकर, फर्स्ट हाफ में स्क्रीनप्ले मजबूत है.
देखें या नही?
अगर एक युवा धड़कनों वाली प्रेम कहानी को अरसे से मिस कर रहे हैं, तो बराबरी और अच्छाई की सीख देती यह फिल्म आपके लिए है.