बलरामपुर में साइबर क्राइम पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग और फर्जी लोनिंग एप के माध्यम से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है।
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अमेठी निवासी राहुल मिश्र, फर्रुखाबाद के बहोरा निवासी निर्मल कुमार और औरैया के धर्मेंद्र सिंह को सोमवार को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के पास से तीन एंड्रॉइड मोबाइल फोन और 1,790 रुपये नकद बरामद हुए हैं। मोबाइल की जांच में 85 बैंक खातों की जानकारी मिली है, जिनमें से 31 बैंक खातों से 60.24 करोड़ रुपये की लेनदेन हुई है। एसपी विकास कुमार ने सोमवार को बताया कि साइबर ठगी गिरोह में अब तक सात लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है, जिनसे पूछताछ में 112 करोड़ के लेनदेन का खुलासा हुआ है। आरोपियों ने रुपये पाकिस्तान भी भेजे हैं। सोमवार को पकड़े गए तीनों आरोपी सुपरपेय, ब्रोपेय, सार्कपेय, एविटर, तीनपत्ती जैसे अवैध बेटिंग और गेमिंग एप उपयोग करते थे। लोगों को आसान कमाई का झांसा देकर टेलीग्राम और व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ते थे बेटिंग में फंसाकर रकम अलग-अलग खातों में भेज देते थे। इसके साथ ही किराये पर म्यूल अकाउंट जुटाते थे। इन खातों में रकम जमा कराई जाती और बाद में इसे क्रिप्टो करेंसी में बदलकर विदेश भेज दिया जाता। बदले में एजेंट को 10 फीसदी कमीशन देते थे। इसी तरह फर्जी लोनिंग एप भी चलाए जा रहे थे। इनमें मामूली कर्ज देकर भारी ब्याज वसूला जाता था और समय पर अदायगी न होने पर पीड़ितों को गैलरी, कांटेक्ट और व्हाट्सएप डेटा का इस्तेमाल कर ब्लैकमेल किया जाता था। पुलिस ने आरोपियों से मिले मोबाइल की फोरेंसिक जांच शुरू कर दी है। इसमें संदिग्ध एप्स, टेलीग्राम-व्हाट्सएप ग्रुप, बैंक खातों और क्रिप्टो वॉलेट की जानकारी मिली है। पुलिस अब क्रिप्टो एक्सचेंज से वॉलेट-टू-वॉलेट मूवमेंट और पी-टू-पी काउंटरपार्टी की डिटेल जुटा रही है। साथ ही बैंकों से खाताधारकों के केवाईसी, सीसीटीवी और आईपी डिटेल भी मांगी गई है यह है म्यूल अकाउंट म्यूल अकाउंट का इस्तेमाल साइबर अपराधी ठगी के पैसों को ट्रांसफर करने के लिए करते हैं। साइबर अपराधी आम लोगों से ठगे हुए पैसों को अपने अकाउंट में ट्रांसफर नहीं करते हैं। वे इन पैसों को पहले किसी म्यूल अकाउंट में ट्रांसफर करेंगे उसके बाद उन पैसों को अलग-अलग बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करते हैं। इससे ठगी के पैसों को ट्रैक कर पाना आसान नहीं होता।