बलरामपुर जिले में नवस्थापित मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय में सत्र 2025-26 के लिए स्नातक और परास्नातक कक्षाओं के नए पाठ्यक्रम घोषित कर दिए गए हैं। शुक्रवार को कुलपति प्रो. रवि शंकर सिंह की अध्यक्षता में हुई विद्या परिषद की बैठक में यह अहम निर्णय लिया गया। अब विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी 171 राजकीय, अशासकीय और निजी महाविद्यालयों में यही पाठ्यक्रम लागू होंगे।
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बैठक में शिक्षण गुणवत्ता, विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास और शोध कार्यों को प्रोत्साहित करने पर बल दिया गया। तय किया गया कि नए पाठ्यक्रमों में रोजगारपरक विषयों को भी शामिल किया जाएगा, ताकि छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं और कॅरिअर की दृष्टि से भी लाभान्वित हो सकें। इस बार विश्वविद्यालय ने आठ नए विषय पाठ्यक्रम में जोड़े हैं, जिनमें कंप्यूटर एप्लीकेशन, पर्यावरण अध्ययन, सैन्य विज्ञान, पुस्तकालय विज्ञान, मनोविज्ञान, प्रबंधन, लोक प्रशासन और संगीत प्रमुख हैं।
सबसे अधिक बदलाव विज्ञान संकाय और कला संकाय में किए गए हैं। विज्ञान संकाय में कंप्यूटर एप्लीकेशन व पर्यावरण अध्ययन को पहली बार शामिल किया गया है, जबकि कला संकाय में लोक प्रशासन और संगीत विषयों को विस्तार दिया गया है। शिक्षा संकाय में शोध पद्धति व शिक्षा तकनीक पर आधारित नए मॉड्यूल जोड़े गए हैं। बैठक में कुलसचिव परमानंद सिंह, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. पीके सिंह, सभी संकायों के अध्यक्ष व विषय संयोजक शामिल हुए।
कला संकाय के प्रो.अमन चंद्र, वाणिज्य संकाय के प्रो. विनोद प्रताप सिंह, विज्ञान संकाय के प्रो. राजेश कुमार सिंह, शिक्षा संकाय के प्रो. संदीप कुमार श्रीवास्तव के साथ विशेष आमंत्रित सदस्य संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्य प्रो. जनार्दन पांडेय और प्रो. रवींद्र कुमार, अध्यादेश एवं परिनियमावली समिति के अध्यक्ष प्रो. विनय सक्सेना भी बैठक का हिस्सा बने। कुलपति प्रो. रवि शंकर सिंह ने कहा कि मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय छात्रों को रोजगारपरक और आधुनिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित है। नए पाठ्यक्रम उनकी अकादमिक प्रगति और व्यक्तित्व विकास में सहायक होंगे। यह निर्णय विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में अहम कदम साबित होगा।
गहन अध्ययन करके तैयार किया गया पाठयक्रम
पाठ्यक्रम तय करने में विषय संयोजकों ने गहन अध्ययन किया। जिसमें प्रो. शैलेंद्र कुमार मिश्रा (हिंदी), प्रो. अभय कुमार श्रीवास्तव (अर्थशास्त्र), प्रो. वीके श्रीनिवास राव (अंग्रेजी), प्रो. सर्वेश्वर नाथ सिंह (भूगोल), प्रो. राज बहादुर सिंह बघेल (सैन्य विज्ञान), प्रो. दयाराम यादव (राजनीति विज्ञान), ममता शर्मा (मनोविज्ञान), डॉ. मंसाराम वर्मा (संस्कृत), प्रो. शशि वाला (समाजशास्त्र), डॉ. दिनेश कुमार मौर्य (शिक्षा शास्त्र), तारिक कबीर (उर्दू), डॉ. अशोक कुमार (पुस्तकालय विज्ञान व जंतु विज्ञान), डॉ. रेखा शर्मा (वनस्पति विज्ञान), प्रो. संजय कुमार पांडेय (गणित) तथा प्रो. जितेंद्र सिंह (भौतिक विज्ञान) शामिल रहे।