Balrampur News: टेरर फंडिंग केस में पांच में से तीन आरोपी पहले से ही साइबर ठग

टेरर फंडिंग के मामले में गिरफ्तार किए गए साइबर ठगी गिरोह के पांच सदस्यों को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पुलिस जांच में सामने आया है कि इन युवकों की शैक्षिक पृष्ठभूमि और तकनीकी दक्षता ने ठगी को बेहद शातिर अंदाज में अंजाम देने लायक बना दिया था। इनमें से कुछ पहले से ही साइबर अपराध के पुराने खिलाड़ी हैं, जबकि कुछ हाल ही में विदेशी नेटवर्क से जुड़े थे।







गिरफ्तार आरोपियों में सरगना सस्पियर ने बीटेक की पढ़ाई की है, जो पहले एक निजी कंपनी में काम करता था। कोरोना काल में नौकरी जाने के बाद वह ऑनलाइन कमाई की तलाश में ठगों के संपर्क में आया। वहीं, दूसरा आरोपी पूर्व बैंक कर्मचारी है, जिसने बैंकिंग सिस्टम की जानकारी का इस्तेमाल कर फर्जी खाता खोलने और धन ट्रांसफर में अहम भूमिका निभाई। तीसरे युवक की भूमिका सबसे अहम मानी जा रही है। वह क्रिप्टो मनी के लेनदेन में पूरी तरह माहिर था।


पुलिस की जांच में सामने आया है कि उसी ने ब्लॉकचेन वॉलेट, बिटकॉइन एड्रेस और डिजिटल कोड तैयार किए, जिनके जरिये रकम को छिपाकर पाकिस्तान और दुबई के खातों तक पहुंचाया गया। पुलिस के मुताबिक गिरोह के ये सदस्य सिर्फ वर्चुअल नंबरों से संपर्क करते थे। लेनदेन के लिए पैकेट, गाड़ी, लाइट बंद जैसे कोड वर्ड का इस्तेमाल किया जाता था। इसके अलावा एक खास एंड्रॉइड एप, जिसका कोई नाम तक नहीं दिखता था, उस पर ही सारा संचालन होता था। यह एप जांच एजेंसियों के लिए नई चुनौती बन गया है।




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पुराने मामलों से जुड़ रहे तार


जांच में यह भी सामने आया है कि इनमें से तीन आरोपी पहले भी दिल्ली, मेरठ और कानपुर में साइबर ठगी के मामलों में पूछताछ में आ चुके हैं, लेकिन किसी में पक्के साक्ष्य न होने के कारण छूट गए थे। अब बलरामपुर केस में मिले डिजिटल सबूतों के बाद इन पुराने मामलों को भी फिर से खोला जा रहा है। इन युवकों ने दुबई और पाकिस्तान में बैठे संचालकों से सीधे संवाद किया था। टेलीग्राम और विशेष कोडेड मेल का इस्तेमाल कर उन्हें दिशा-निर्देश मिलते थे। जांच टीम को संदेह है कि आरोपी विदेशी हैंडलरों के संपर्क में रहते हुए केवल कमीशन पर काम कर रहे थे।


आय से अधिक संपत्ति, जांच शुरू


गिरफ्तार युवकों के पास से कीमती मोबाइल फोन, विदेशी मुद्रा, लग्जरी बाइक और लाखों रुपये के लेनदेन के प्रमाण मिले हैं। पुलिस ने इनके बैंक खातों और संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। प्रवर्तन निदेशालय ने भी इनकम टैक्स विभाग से समन्वय कर आय से अधिक संपत्ति के पहलुओं पर जांच शुरू कर दी है। गिरफ्तार युवकों की कॉल डिटेल और चैट हिस्ट्री से कुछ नए नाम सामने आए हैं, जिनमें लखनऊ, पटना, सूरत और बेंगलुरु के युवक शामिल हैं। पुलिस अब इन शहरों में दबिश देने की तैयारी कर रही है।

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