बलरामपुर संयुक्त जिला चिकित्सालय में शुक्रवार रात इमरजेंसी में पहुंची प्रसव पीड़िता को बिना इलाज लौटाने के मामले में सीएमओ और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने महिला डॉक्टर से स्पष्टीकरण मांगा है।
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अटल स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय के अधीन संचालित संयुक्त जिला चिकित्सालय की इमरजेंसी सेवाओं की बदहाली एक बार फिर उजागर हुई है। अस्पताल में तैनात दो महिला रोग विशेषज्ञों में से डॉ. मेधावी सिंह ने जुलाई के अंतिम सप्ताह में ओपीडी और सर्जरी का कार्यभार संभाला है, जबकि दूसरी विशेषज्ञ डॉ. शाहिना परवीन ने अब तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। ऐसे में आपात स्थितियों में महिलाओं को तत्काल उपचार नहीं मिल पा रहा है।
गत शुक्रवार की रात आठ बजे शिवपुरा के सीएचओ हरीश तिवारी अपनी गर्भवती पत्नी दिव्या को प्रसव पीड़ा की हालत में अस्पताल लाए थे। आरोप है कि तीन घंटे के इंतजार के बाद रात 11 बजे डॉ. मेधावी सिंह ने ऑपरेशन थियेटर से निकलकर मरीज को देखा, लेकिन स्थिति नाजुक होने और संसाधनों की कमी बताकर ऑपरेशन से इन्कार कर दिया। सवाल उठ रहा है कि जब महिला सर्जन अस्पताल में मौजूद थीं, तो रात 8 बजे से 11 बजे तक पीड़िता को देखा क्यों नहीं गया। आखिर महिला को रेफर क्यों किया गया।
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इस पर डॉ. मेधावी सिंह का कहना था कि गर्भवती को पहले ही जिला महिला अस्पताल से रेफर किया जा चुका था और हालत गंभीर थी। बेहतर इलाज के लिए उन्होंने रेफर करने का सुझाव दिया, जिस पर परिजन भी सहमत हो गए। संयुक्त जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजकुमार वर्मा ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. राजेश कुमार चतुर्वेदी के निर्देश पर संबंधित महिला चिकित्सक से स्पष्टीकरण मांगा गया है। पूरे मामले की जांच की जा रही है।