यूपी के बलरामपुर जिलें से छांगुर उर्फ जमालुद्दीन और उसके छह सहयोगियों के खिलाफ ATS की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई है. इस चार्जशीट में बताया गया है कि यह गिरोह धर्मांतरण कराने, महिलाओं के साथ दुष्कर्म और धार्मिक अपमान जैसी गतिविधियों में लिप्त था.
ATS की चार्जशीट के अनुसार, छांगुर और उसके सहयोगी गिरोह के माध्यम से डेमोग्राफी बदलने का प्रयास कर रहे थे. वे आर्थिक रूप से कमजोर और मजबूर लोगों को इस्लाम अपनाने के लिए प्रलोभन देते और डराते थे.
आरोपितों ने धर्मांतरण के लिए पीड़ितों को जहन्नुम के भय और इस्लाम अपनाने के फायदे का भ्रम देकर मजबूर किया. चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि गिरोह हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करता था और लोगों को यह समझाने की कोशिश करता था कि इस्लाम श्रेष्ठ है. गिरोह अपने शिकारों को यह उदाहरण देता था कि कैसे नीतू और नवीन रोहरा इस्लाम अपनाने के बाद करोड़पति बन गए. इसके साथ ही बलरामपुर और आसपास के जिलों में गिरोह जमीन की खरीद-फरोख्त में भी लिप्त था.
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ATS ने दूसरी चार्जशीट में कुल 33 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं. इनमें पीड़ित महिलाएँ, स्थानीय लोग और पुलिस कर्मचारी शामिल हैं. चार्जशीट में छांगुर पर औरैया की एक महिला के साथ छेड़छाड़ और उसके सहयोगियों द्वारा दुष्कर्म कराने का मामला भी शामिल है. इसके अलावा एक अन्य पीड़िता ने बलात्कार और जातीय अपमान के मामलों में बयान दिया है.
गवाहों में संचित कुमार, राम नरेश मौर्य, नरेंद्र कुमार, जग प्रसाद, मनोज कुमार, छांगे उर्फ सागर, रमेश चंद्र और नंदराम शामिल हैं. इनमें अधिकांश का या तो धर्मांतरण किया गया या जबरन धर्मांतरण का प्रयास किया गया.
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ATS ने छांगुर के पास से मजहब के प्रचार की सामग्री, शिजरए तैयबा की पुस्तकें और पम्पलेट भी बरामद किए हैं, जिनमें इस्लाम की अच्छाइयों और हिंदू धर्म की बुराइयों का प्रचार किया गया था.
चार्जशीट में यह भी आरोप लगाया गया है कि गिरोह का उद्देश्य भारत की जनसंख्या का संतुलन बदलकर इस्लामिक राष्ट्र बनाना और शरीयत आधारित कानून लागू करना था. जाँच के दौरान गिरोह के बैंक खातों में विदेशी फंडिंग के सबूत भी मिले. नवीन रोहरा के खाते में दुबई से 23.61 करोड़ रुपए आए, जिनमें से बड़ी राशि अन्य आरोपितों और कोर्ट कर्मचारी राजेश उपाध्याय के खातों में ट्रांसफर की गई.
पूर्व में ATS ने गिरोह से जुड़े दो आरोपितों के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की थी. इस मामले में अभी अन्य आरोपितों के खिलाफ विवेचना जारी है. ATS का कहना है कि छांगुर गिरोह के काम करने के तरीके और उनके आर्थिक लेन-देन के सबूत इस मामले की गंभीरता को दर्शाते हैं.
बलरामपुर जिले और आसपास के जिलों में यह मामला सामाजिक और धार्मिक सुरक्षा के दृष्टिकोण से गंभीर माना जा रहा है. स्थानीय प्रशासन और ATS ने यह सुनिश्चित किया है कि आरोपितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तेजी से पूरी हो. वहीं, पीड़ितों को न्याय दिलाने और उनके सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उच्च स्तर पर ली जा रही है. ATS के मुताबिक, सभी आरोपित जल्द ही अदालत में पेश होंगे और न्यायिक प्रक्रिया के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी.