APJ Abdul Kalam Biography in Hindi: अखबार बेचने से लेकर देश के 11वें राष्ट्रपति और ‘मिसाइलमैन’ तक का सफर, जानिए क्या है डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पूरी कहानी

डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम ऐसे तो तमिलनाडु के रामेश्वर के एक साधारण परिवार से थे लेकिन उनकी जीवन की कहानी एक असाधारण सफर है, जो अखबार बेचने से शुरू होकर देश के 11वें राष्ट्रपति बनने तक जाती है. डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम एक महान वैज्ञानिक बने, जिन्हें "मिसाइल मैन" के नाम से जाना जाता है, और जिन्होंने भारत के मिसाइल और परमाणु हथियार कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण योगदान दिया. अपनी वैज्ञानिक उपलब्धियों के अलावा, वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें "जनता के राष्ट्रपति" के रूप में याद किया जाता है, और जो बच्चों और युवाओं को सपने देखने और इनोवेशन करने के लिए प्रेरित करते थे. जिससे  वह छात्रों के बीच काॅफी लोकप्रिय थे. उनकी सादगी सभी को बहुत पसंद आती थी. उनका जीवन संघर्ष से भरा था और यह छात्रों को सिखाता है कि चाहे कितनी भी मुश्किलें हो पर हार नहीं माननी चाहिए. अखबार बेचने से लेकर भारत को मिसाइल और अंतरिक्ष तकनीक में आत्मनिर्भर बनाने में अहम उनकी भूमिका ने दुनियाभर में अपनी छाप छोड़ी. 2002 से 2007 तक कलाम साहब देश के राष्ट्रपति भी रहे और उन्हें “जनता का राष्ट्रपति” कहा गया. आइए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी (APJ Abdul Kalam Biography in Hindi) विस्तार से समझते हैं.







एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म कहां हुआ था? (Where APJ Abdul Kalam Born?)



15 अक्टूबर 1931 को डॉ. कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में हुआ था. कलाम की माता का नाम ‘असीम्मा’ था जबकि पिता का नाम ‘जैनुल्लाब्दीन’ था.




कलाम कौन थे? (Who is APJ Abdul Kalam?)


डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत के सबसे प्रिय वैज्ञानिकों और नेताओं में से एक थे. डॉ. कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ. वे एक साधारण मुस्लिम परिवार से थे. आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने पढ़ाई में कभी हार नहीं मानी. कलाम साहब की पूरी जिंदगी प्रेरणा देने वाली है क्योंकि उन्होंने अखबार बेचने से लेकर राष्ट्रपति बनने तक का सफर तय किया. उनकी शुरुआती पढ़ाई साधारण रही. हालांकि बाद में उन्होंने सेंट जोसेफ कॉलेज से भौतिकी और फिर मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की.




विज्ञान में करियर की शुरुआत 


डॉ. कलाम ने अपने करियर की शुरुआत DRDO में की, जहां उन्होंने एक होवरक्राफ्ट प्रोजेक्ट पर काम किया. 1969 में वे ISRO से जुड़े और भारत के पहले सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल SLV-III के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बने. 1980 में भारत ने ‘रोहिणी’ नाम का उपग्रह अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक भेजा.




रक्षा क्षेत्र में योगदान


डॉ. कलाम ने 1980 के दशक में ‘इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (IGMDP)’ की शुरुआत की, जिसके तहत ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ जैसी मिसाइलें बनाई गईं. उन्होंने 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षणों में भी अहम भूमिका निभाई, जिसने भारत को दुनिया में एक मजबूत परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित किया.



राष्ट्रपति और उनके विचार

2002 में डॉ. कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति बने. उनका कार्यकाल युवाओं के लिए प्रेरणादायक रहा. वे हमेशा छात्रों से जुड़े और उन्हें बड़े सपने देखने के लिए प्रोत्साहित करते रहे.



जीवन और लेखन 

राष्ट्रपति पद से हटने के बाद उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में काम किया. उन्होंने कई किताबें लिखीं, जैसे ‘विंग्स ऑफ फायर’, ‘इंडिया 2020’, जो आज भी युवाओं को प्रेरणा देती हैं.



डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम को कौन से प्रमुख पुरस्कार मिलें है?


पद्म भूषण (1981)

पद्म विभूषण (1990)

भारत रत्न (1997).


निधन

27 जुलाई 2015 को IIM शिलॉन्ग में भाषण देते समय उनका निधन हो गया. पूरे देश ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. 



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