बलरामपुर जिलें के तुलसीपुर में स्थित देवीपाटन मंदिर पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने ब्रह्मलीन महंत योगी महेंद्रनाथ की 25वी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी और आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ में शामिल हुए.
सीएम योगी ने कहा कि धार्मिक स्थल केवल आस्था के केंद्र नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता के प्रतीक भी हैं. सीएम ने 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के संकल्प के तहत कार्य करने का आह्वान किया.
सीएम योगी ने कहा कि देवीपाटन मंदिर समाजसेवा, शिक्षा और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है. पिछले 40 वर्षों में मंदिर परिसर में भक्तों के लिए कई सुविधाएं विकसित की गई. इनमें निःशुल्क प्रसाद, धर्मशाला, यात्री विश्राम गृह और गौ सेवा शामिल हैं.
सीएम योगी ने बताया कि मंदिर परिसर में 1994 में थारू जनजाति के छात्रों के लिए एक उत्कृष्ट छात्रावास शुरू किया गया था. इस छात्रावास से निकले छात्र आज समाज के विभिन्न क्षेत्रों में देश निर्माण में योगदान दे रहे हैं. इसके अलावा, सीबीएसई बोर्ड से संचालित आदिशक्ति मां पाटेश्वरी पब्लिक स्कूल कस्बे और आसपास के गांवों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत में धार्मिक स्थल केवल आस्था के प्रतीक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकात्मकता के संवाहक भी हैं उन्होंने कहा कि मठ और मंदिर बिना किसी भेदभाव के समान आचरण और व्यवहार का संदेश देते हैं.
सीएम योगी ने ब्रह्मलीन महंत महेंद्र नाथ योगी के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और लोककल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया. उन्होंने गोरक्षपीठ के ब्रह्मलीन पीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ द्वारा शुरू की गई विकास की परंपरा को आगे बढ़ाया, जो आज भी निरंतर चल रही है. सीएम ने कहा कि संत वही है जो समाज के लिए जीता है, इसलिए ब्रह्मलीन महंत महेंद्र नाथ आज भी श्रद्धा के साथ याद किए जाते हैं.
कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने राष्ट्रगीत "वंदे मातरम्” के रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय को भी नमन किया और कहा कि 150 वर्षों में यह गीत भारत की आत्मा का स्वर बन चुका है.
सीएम योगी ने लोहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को याद करते हुए कहा, "देश की स्वतंत्रता केवल आज़ाद होने का प्रतीक नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह राष्ट्रीयता के भाव को बनाए रखे. जिस देश का युवा जागृत और राष्ट्र चेतना से ओतप्रोत होता है, उसे कोई ताकत पराधीन नहीं बना सकती.
योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि देवीपाटन मंदिर की सेवाएं यह प्रमाण हैं कि जब धार्मिक संस्थाएं आस्था के साथ लोककल्याण को जोड़ती हैं, तब वे राष्ट्र निर्माण की सच्ची प्रयोगशालाएं बन जाती हैं.



