उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के तुलसीपुर में स्थित 51 शक्तिपीठों में एक मां पाटेश्वरी देवीपाटन मंदिर को भव्यता देने व पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए देवीपाटन मंदिर के आसपास कॉरिडोर के निर्माण की प्रक्रिया तेज हो गई है। कॉरिडोर के निर्माण के लिए कुल 50 एकड़ जमीन की आवश्यकता है। इसके लिए 317 लोगों की जमीन अधिग्रहण की गई है। अब तक 311 लोगों के जमीनों की रजिस्ट्री हो चुकी है, जबकि छह किसान बाहर होने से अभी उनके जमीनों की रजिस्ट्री नहीं हो सकी है। उनको भी जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी करने के लिए बुलाया गया है। इसके बाद कॉरिडोर बनने का रास्ता साफ हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ जी का दूसरा घर कहे जाने वाले देवीपाटन मंदिर को विकसित करने की तैयारी है। इसी क्रम में देवीपाटन मंदिर को 50 एकड़ में विकसित किए जाने की तैयारी शुरू हैं। इतने ही और जमीनों पर कॉरिडोर का निर्माण हो जाने से यहां के रोजगार सहित स्थानीय लोगों के व्यवसाय में भी तेजी आएगी।
बताया जाता है कि कारिडोर के निर्माण में तीन प्रमुख वास्तुकला शैलियों का समावेश किया जाएगा। इनमें उत्तर भारतीय नागर शैली, दक्षिण भारतीय द्रविड़ शैली व मध्य भारतीय बेसर शैली शामिल है। इसका लाभ समूचे क्षेत्रवासियों को मिलेगा। पर्यटकों व श्रद्धालुओं की आमद और बढ़ेगी जिससे यातायात सहित अन्य लोगों को भी इससे लाभान्वित होंगे। शक्ति उपासना के साथ-साथ श्रद्धा व आस्था का संगम सिद्ध शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर अपनी भव्यता और विशालता के लिए जाना जाता है। इसमें कारिडोर जुड़ जाने से यह उत्तर भारत का पर्यटन के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण स्थल बन जाएगा।
जमीनों की रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरा होने के बाद इसका पूरा अभिलेख डीएम कार्यालय में प्रस्तुत कर दी जाएगी। इसके बाद इसके निर्माण के लिए आगे की प्रक्रिया शुरू होगी - राकेश कुमार जयंत, उप जिलाधिकारी बलरामपुर
