गुजरात में पुल हादसे के बाद लोक निर्माण विभाग सतर्क हुआ है. देवीपाटन मंडल के चारों जिलों में लगभग 1500 पुल-पुलियों की 200 इंजीनियर जांच करेंगे. 4 साल से पुराने जर्जर पुलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
बारिश शुरू होने के बाद जर्जर पुल-पुलियों के बैठने व ढहने का खतरा बढ़ने लगा है. चार साल से पहले बनाई गई सभी पुल-पुलिया जर्जर हैं या नहीं, इसकी जांच इंजीनियरों से कराई जाएगी.जांच के बाद क्षति होने पर संबंधित इंजीनियर की जिम्मेदारी तय होगी.
6 मीटर तक लंबी पुलिया की जांच अवर अभियंता, 6 से 60 मीटर तक के लंबी पुल की जांच सहायक अभियंता, 60 मीटर से 200 मीटर तक लंबे पुल की जांच अधिशासी अभियंता, 200 मीटर से 500 मीटर तक के पुल की जांच अधीक्षण अभियंता व 500 मीटर अधिक लंबाई वाले पुल की जांच मुख्य अभियंता द्वारा किया जायेगा. उन्हें पुल-पुलिया के निगरानी का फोटो व वीडियो अपलोड करना होगा. जांच के बाद यदि पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त होने से कोई दुर्घटना होती है तो संबंधित इंजीनियर की जिम्मेदारी तय की जाएगी.