अवैध धर्मांतरण में छांगुर के मददगारों का पता लगाने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने मिशन पहचान शुरू किया है। अभी तक की जांच में धर्मांतरण गिरोह से तीन हजार लोगों के जुड़े होने की जानकारी मिली है। अब सभी के नाम-पते की जानकारी में एटीएस के साथ ही स्थानीय अभिसूचना इकाई भी सक्रिय हुई है। प्रदेश के नौ जिलों के साथ ही महाराष्ट्र, हरियाणा, बिहार पर भी नजर है। सुरक्षा एजेंसियां नेपाल में बैठे छांगुर के सहयोगियों तक भी पहुंच में जुटी हुई हैं। जल्द ही बड़ी कार्रवाई की उम्मीद है। इसमें प्रशासन, राजस्व के साथ ही पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी दायरे में आ सकते हैं।
यह भी पढ़ें 👉 Balrampur News: सेल्फी पॉइंट बनी छांगुर बाबा की 12 करोड़ की खंडहर कोठी, दूर-दूर से सेल्फी लेने पहुंच रहे लोग
मिशन पहचान की कड़ी में ही एटीएस ने न्यायालय के बाबू राजेश उपाध्याय की गिरफ्तारी की है। अब ऐसे लोगों की धड़कनें बढ़ गईं हैं, जिनके नामों का खुलासा अभी तक नहीं हुआ है। छांगुर के कारनामों के खास मददगार रहे एमेन रिजवी की तलाश भी एटीएस ने तेज कर दी है। उतरौला के एमेन रिजवी की प्रशासन और पुलिस में गहरी पैठ थी। एक बार एमेन ने मोबाइल पर कहा था कि कोतवाली में कामकाज वही देखता है। आडियो वायरल होने पर पुलिस ने रिपोर्ट भी दर्ज की थी।
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार एमेन छांगुर का पुलिस और प्रशासनिक मैनेजमेंट देखता था, जिसकी जांच अब तेज हो गई है। इसके साथ ही एटीएस की रिपोर्ट में छांगुर के तीन हजार से अधिक अनुयायी होने की छानबीन हो रही है। अभी तक इनमें से किसी का नाम उजागर नहीं हुआ है।
यह भी पढ़ें 👉 उत्तर प्रदेश के इस जिलें में बिछेगी 55.75 किमी लंबी चौथी रेलवे लाइन, मांग के अनुरूप हो सकेगा ट्रेनों का संचालन
मामले की तह तक जाने के लिए एटीएस ने बलरामपुर के साथ ही आजमगढ़, सिद्धार्थनगर, बहराइच व श्रावस्ती में भी छानबीन शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि बढ़नी में एटीएस की एक यूनिट भी जांच में जुटी है। एटीएस की निगाह प्रदेश के उन नौ जिलों पर है, जहां छांगुर के लोग सक्रिय थे। इसके साथ ही महाराष्ट्र, हरियाणा, बिहार के संपर्कों को भी खंगाला जा रहा है।