नेपाल सीमा से सटा संवेदनशील जिला बलरामपुर अवैध धर्मांतरण के बाद अब टेरर फंडिंग से चर्चा में आया है। साइबर फ्रॉड स्थानीय लोगों के खाते में पैसे जमाकर सीधे पाकिस्तान भेज रहे हैं। पुलिस ने चार युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो पूरा नेटवर्क सामने आया। सूत्रों के अनुसार अभी तक 100 बैंक खातों की जानकारी मिली है, जिनमें करीब 50 करोड़ रुपये की लेनदेन हुई है। इनके भी तार रायबरेली साइबर फ्रॉड से जुड़ रहे हैं, जहां करीब 700 करोड़ रुपये की टेरर फंडिंग की बात सामने आ चुकी है।
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बलरामपुर पुलिस अधीक्षक विकास कुमार के अनुसार चार आरोपियों के विरुद्ध ललिया थाने में रिपोर्ट दर्ज है। उनसे पूछताछ में अहम सुराग मिले हैं। पता चला है कि स्थानीय लोगों के खाते में साइबर फ्रॉड का पैसा ट्रांसफर कर उसे पाकिस्तान भेजा जा रहा था। अभी जांच चल रही है। एक टीम दिल्ली भी गई है। मामले में इससे अधिक अभी कुछ नहीं बता सकते।
ललिया थाने के दरोगा बब्बन यादव ने 18 जुलाई को मुकदमा दर्ज कराया कि पांच संदिग्ध स्थानीय लोगों को लालच देकर बैंक खाते खुलवा रहे हैं। पुलिस ने 19 जुलाई को ललिया क्षेत्र के काशीपुर निवासी सत्यदेव, अहलाद नगर के लवकुश वर्मा, भैयाडीह विशुनपुर निवासी जय प्रकाश यादव के साथ ही फतेहगढ़ के उगरपुर सुल्तानपट्टी निवासी प्रदीप कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया। इन्हीं से पता चला कि सरगना दिल्ली में है। उसके पास पाकिस्तान के सात मोबाइल नंबर हैं, जिनसे वह अक्सर बातचीत करता था। पैसा कब और किसके खाते में भेजना है, यह वही तय करता है।