बलरामपुर में रविवार शाम अवैध रूप से संचालित निजी अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई की है. बलरामपुर में निजी अस्पताल में एक युवक की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों के खिलाफ जांच अभियान चलाया. इस दौरान दो अस्पतालों को सील कर दिया और जिस अस्पताल में युवक की मौत हुई थी, उसे नोटिस जारी किया गया है.
उतरौला रोड स्थित मझौवा के पॉपुलर पॉली क्लीनिक और बलरामपुर में स्थित लाइफ केयर हॉस्पिटल एंड डेंटल क्लीनिक का स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच किया. जांच में दोनों अस्पतालों के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं मिला. इसके बाद इन्हें तत्काल सील कर दिया गया.
बलरामपुर में जिला मेमोरियल अस्पताल के सामने संचालित एचके हॉस्पिटल में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी पाई. इस पर यहां सुधार के लिए संचालक को नोटिस जारी किया है. स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई पर कुछ लोग खुश नजर आए तो वहीं कई लोगों ने स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठाते हुए कहा कि विभाग केवल किसी हादसे या मौत के बाद ही कार्रवाई करता है.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के कुछ कर्मचारी अवैध अस्पतालों को संरक्षण दे रहे हैं. इसमें तुलसीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात एक बाबू का नाम भी शामिल है, जिसे सीएमओ ऑफिस में अटैच किया गया है. एसीएमओ डॉ. संतोष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अवैध रूप से संचालित अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी. जांच टीम में एसीएमओ डॉ. रवि नंदन त्रिपाठी और राजेश कुमार सिंह भी शामिल रहे.