नेपाल का राजनीतिक संकट लगातार गहराता जा रहा है. काठमांडू और देश के अन्य हिस्सों में हिंसक विरोध-प्रदर्शन जारी हैं. प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद नेपाल में कमान सेना के हाथ में आ गई है. नेपाली सेना अध्यक्ष इस वक्त किसी राष्ट्रीय नेता की तरह पूरे देश में चल रहे प्रदर्शन और हिंसा पर नियंत्रण की योजना बना रहे हैं. नेपाल सेना ने मंगलवार रात 10 बजे से सुरक्षा अभियानों की कमान संभाल ली. सबसे पहले उन्होंने बुधवार शाम से पूरे देश में कर्फ्यू का ऐलान कर दिया है. दूसरी ओर सेना और राष्ट्रपति की बैठक में आगे का रास्ता निकल सकता है.
इस बीच प्रदर्शनकारियों में शामिल उपद्रवियों ने कई सरकारी दफ्तरों और अदालतों में आग लगा दी. पूरे देश में हिंसक हो चुके इस जेन-जी आंदोलन में अब तक मरने वालों की संख्या 24 पहुंच गई है, जिनमें से 22 राजधानी काठमांडू में और 2 ईटहरी में मारे गए. देश में कानून और संविधान की धज्जियां उड़ गई हैं और पूरा नेपाल ही जलता हुआ नजर आ रहा है. अब उम्मीद की जा रही है कि सेना के हालात संभालने के बाद देश में शांति स्थापित हो सकेगी.