Balrampur News: बलरामपुर जिले में बाढ़ से बचाव के कार्य में 9.77 करोड़ की हेराफेरी

बलरामपुर जिले में बाढ़ से बचाव के नाम पर करोड़ों रुपये की बंदरबांट का मामला उजागर हुआ है। एमएलटीडी (मेवालाल तालाब-धुसाह) तटबंध पर कराए गए अनुरक्षण कार्य की जांच में वित्तीय अनियमितता सामने आई है। जांच समिति ने पाया कि महज 200 मीटर लंबाई के कार्य को 10 अलग-अलग हिस्सों में बांटकर नौ करोड़ 77 लाख 945 रुपये की लागत से कराए गए ठेकों में नियमों का उल्लंघन किया गया।







जांच रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ खंड बलरामपुर ने एसएसबी कैंप के निकट तटबंध की मरम्मत का कार्य कराया था। यह काम केवल 200 मीटर लंबा था। इसे 20-20 मीटर के 10 टुकड़ों में विभाजित कर अलग-अलग फर्मों को काम दे दिया गया। हर काम की लागत एक लाख रुपये से कम दिखाई गई ताकि टेंडर प्रक्रिया से बचा जा सके। जांच में सामने आया कि अनुमान (इस्टीमेट) और अनुबंध के अनुसार कार्य गैबियन क्रेट से होना चाहिए था, परंतु ठेकेदारों ने उसकी जगह सस्ती और कमजोर नॉयलान क्रेट का उपयोग किया। इसके अलावा एक गुणे एक मीटर की ऊंचाई-चौड़ाई वाले क्रेट की ऊंचाई मात्र 60 सेंटीमीटर पाई गई। समिति ने इसे अधोमानक और वित्तीय नियमों के विपरीत पाया।


फोटोग्राफ और दस्तावेज नहीं मिले, टेंडर में भी गड़बड़ी


अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड बलरामपुर को समिति ने कार्य से पूर्व, कार्य के दौरान और उपरांत की अक्षांश-देशांतर वाली फोटोग्राफ्स मांगी गईं, लेकिन कोई फोटो नहीं दी गई। समिति ने माना कि यह पारदर्शिता से बचने की कोशिश है। समिति ने अनुबंधों की जांच में पाया कि टेंडर में सिर्फ दो फर्मों का तुलनात्मक चार्ट और एक का कोटेशन संलग्न किया गया। नियम के अनुसार तीन फर्मों की भागीदारी और उनके कोटेशन अनिवार्य हैं। इतना ही नहीं, अनुबंध व निविदा प्रपत्रों पर अभियंताओं के हस्ताक्षर बिना तिथि के पाए गए, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो सका कि निविदा प्रक्रिया कब और कैसे पूरी की गई।


फर्जीवाड़े का संकेत, पसंद के ठेकेदारों को दिया गया काम


जांच समिति ने माना कि कार्यों को छोटे हिस्सों में बांटकर मनचाही फर्मों को ठेका दिया गया। न केवल वित्तीय नियमों का उल्लंघन हुआ बल्कि गुणवत्ताहीन कार्य कराकर सरकारी धन की हानि भी की गई। रिपोर्ट में इसे जान-बूझकर की गई अनियमितता करार दिया गया है। जांच समिति में तत्कालीन अपर जिलाधिकारी प्रदीप कुमार, अधिशासी अभियंता जल निगम संदीप सिंह, कोषाधिकारी तथा जिला आपदा विशेषज्ञ अरुण सिंह शामिल थे।


बाढ़ कार्य की जांच रिपोर्ट मांगी


बाढ़ से बचाव के कार्यों की जांच रिपोर्ट मांगी जाएगी। परीक्षण कर जिम्मेदारी तय की जाएगी - विपिन कुमार जैन, जिलाधिकारी बलरामपुर

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