राप्ती नदी का जलस्तर घटने के साथ ही कटान का खतरा बढ़ गया है। वहीं, पचपेड़वा क्षेत्र में बूढ़ी राप्ती में तेज बहाव के कारण भैंस की डूबने से मौत हो गई। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी प्रशासन को दी गई है।
ललिया के चौक कला गांव में पंचायत भवन के पास कटान करती राप्ती |
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ललिया थाना क्षेत्र की ग्राम पंचायत चौक कला में राप्ती नदी के कटान के कारण किसानों की करीब 100 बीघा उपजाऊ जमीन फसल सहित कट कर नदी में समाहित हो चुकी है। गांव में बना पंचायत भवन कटान से मात्र पांच मीटर की दूरी पर है। स्थानीय लोगों ने कटान को रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई की मांग की है। वहीं, पचपेड़वा के खादर क्षेत्र में बूढ़ी राप्ती का जल स्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है लेकिन, लोगों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। बूढ़ी राप्ती के किनारे इमलिया खादर व पजोहा के बीच कटे बांध की मरम्मत ग्रामीण कर रहे हैं। ग्रामीण रमेश कुमार गुप्ता, पुजारी, राधेश्याम यादव, राजकिशोर, प्रभु यादव, कृष्ण यादव, रजिंदर यादव का कहना है कि बाढ़ की समस्या के समाधान के लिए प्रयास किया जाना चाहिए।
वहीं, पचपेड़वा के ग्राम पंचायत मधवानगर खादर निवासी ठाकुर यादव मंगलवार की सुबह करीब 7:30 बजे भैंस चराने जा रहे थे। तभी बूढ़ी राप्ती के गहरे पानी में भैंस चली गई। तेज बहाव होने के कारण भैंस की मौत हो गई। ग्राम प्रधान गुड्डू चौधरी ने बताया कि घटना की जानकारी हल्का लेखपाल को दी गई है। पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय कुमार सिंह ने बताया कि भैंस की मृत्यु होने की जानकारी मिली है।