जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के बाद प्रदेश के कई जिलों में धर्मांतरण का मामला उजागर हो रहा है। दूसरे प्रदेशों में भी धर्मांतरण की बात सामने आ रही है। इसमें कहीं न कहीं छांगुर का नाम भी जुड़ रहा है। यही नहीं, छांगुर के संपर्क महाराष्ट्र, हरियाणा, बिहार में भी खंगाले जा रहे हैं। महाराष्ट्र में तो कई लोगों से गहरे संबंध की बात सामने आ भी चुकी है।
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उतरौला क्षेत्र के हजारों लोग महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में कार्य कर रहे हैं, जिनका त्योहारों पर आना-जाना भी रहता है। स्वघोषित पीर होने से छांगुर के दरबार में हाजिरी भी लगाना लाजिमी है, इनमें छांगुर के करीबी और उसके अवैध धर्मांतरण के सहयोगी होने की संभावना तलाशी जा रही है। इस तरह छांगुर के संबंध अन्य प्रदेशों में भी होने के संकेत उसके अभिलेखों से मिल रहे हैं।
कर्नाटक और चेन्नई से नीतू के तार जुड़े थे, ऐसे में उनके जरिए अपनी पैठ दूसरे राज्यों में भी बनाने की कोशिश छांगुर कर रहा था। छांगुर पूरे देश में प्रभाव जमाना चाह रहा था। इसके लिए वह नागपुर के इदुल इस्लाम की संस्था का पदाधिकारी भी बना था