जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा का गिरोह सिर्फ धर्मांतरण तक ही सीमित नहीं था, वह खाड़ी देशों में भी कारोबार बढ़ा रहा था। नवीन रोहरा उर्फ जलालुद्दीन तो पहले से सऊदी में शिपिंग का कार्य करता था और नीतू उर्फ नसरीन बतौर सीईओ लंदन की एक फर्म से जुड़ी थी। छांगुर के संपर्क में आने के बाद शिपिंग के साथ ही दूसरे कार्य भी शुरू कर दिए।
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पनामा की कंपनी भले ही नवीन ने शिपिंग को आगे बढ़ाने के लिए बनाई थी, लेकिन वर्ष 2023 में उसने पांच अन्य कंपनियों का पंजीकरण कराया। उन्हीं में से एक कृष्णा इंटरनेशनल के खाते में रुपये भी भेजे, जिससे नए कारोबार को शुरू किया जा सके। इसके साथ ही यूनाइटेड मरीन के बैंक खाते में वर्ष 2020 में वित्तीय लेनदेन किए।
कारोबार फैलाने के लिए संयुक्त अरब अमीरात में छांगुर के प्रवेश का प्रपत्र भी तैयार कराया गया था। खाड़ी देशों में पैठ बनाने से धर्मांतरण कराने में भी आसानी होती। अब तक की जांच में स्पष्ट हुआ है कि छांगुर दुबई से लोगों का धर्मांतरण कराने का प्रमाणपत्र बनवाता था। नीतू और नवीन के खातों से कई बड़ों को मोटी रकम भेजी। कारोबार के सिलसिले में जिले के युवाओं को विदेश भेजकर वहीं धर्मांतरण कराने की योजना बनी थी।