धान और गन्ने की फसल के लिए यूरिया की जरूरत है। ऐसे में खाद की किल्लत ने किसानों को सड़कों पर उतरने को मजबूर कर दिया है। रविवार को बलरामपुर जिले के हरैया सतघरवा, महराजगंज तराई, उतरौला, गैड़ास बुजुर्ग, गौरा चौराहा, पिपरा बाजार, रेंडवलिया, पेहर बाजार और रेहरा बाजार में किसान यूरिया के लिए जूझते नजर आए। कई समितियों पर ताला पड़ा रहा तो कहीं किसान बारिश में लाइन लगाए खाद के लिए भीगते नजर आए। इससे हंगामा और नारेबाजी तो कहीं सड़क जाम की स्थिति रही।
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हरैया सतघरवा थाना क्षेत्र में सुबह-सुबह ही भड़सहिया चौराहे पर किसानों ने सड़क जाम कर दिया। ट्रैक्टर-ट्रॉली और बाइक खड़ी कर रास्ता बंद कर दिया गया। पुलिस बल मौके पर पहुंचा, लेकिन किसानों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि प्रवीण सिंह विक्की ने फोन पर अधिकारियों से बात भी की। कहा कि समय पर खाद नहीं मिली तो फसल बर्बाद हो जाएगी। महराजगंज तराई क्षेत्र के किसानों का दर्द अलग है। सुबह 6 बजे से लाइन में लगते हैं, दिनभर भीगते हैं, फिर शाम को खबर मिलती है कि आज वितरण नहीं होगा। किसान अवधेश पांडेय, मुन्नालाल और ननका ने कहा कि कागजों में खाद पर्याप्त है, लेकिन हमें खाद की एक बोरी भी मिलनी मुश्किल है।
उतरौला साधन सहकारी समिति पर खाद न मिलने से दर्जनों गांवों के किसान दूसरे समितियों पर जा रहे हैं। वहां से भी लौटाए जा रहे हैं, कहा जा रहा है कि अपने समिति से खाद लो। किसान गंगाराम, राम लौटान ने इस पर नाराजगी जताई।
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रामपुर अरना समिति के गोदाम पर ताला
गैड़ास बुजुर्ग के रामपुर अरना समिति पर सुबह 4 बजे से किसानों की भीड़ जुटी। महिलाएं बच्चों को छोड़कर भी लाइन में खड़ी रहीं, लेकिन दोपहर तक ताला नहीं खुला। गोदाम प्रभारी राम बहादुर मौर्या ने कहा कि 300 बोरी यूरिया है, लेकिन भीड़ ज्यादा है। मारपीट की धमकी पर तहरीर देने थाने आया था। गौरा चौराहा में एक बार में सिर्फ एक बोरी मिल रही है। जिनको तीन-चार बोरी चाहिए, उन्हें हर दिन अलग-अलग लाइन में लगना पड़ रहा है। मजदूरी पर गए पुरुषों की जगह महिलाएं भूखे-प्यासे दिनभर लाइन में खड़ी रहती हैं।
पिपरा बाजार और रेंडवलिया में तालाबंदी और कालाबाजारी
बीरपुर कला समिति पर दोपहर में ताला लटका रहा। किसानों का आरोप है कि चुनिंदा लोगों को बुलाकर खाद दी जाती है, बाकी को टाल दिया जाता है। रेंडवलिया समिति में पांच अगस्त को आवंटन हुआ था, लेकिन अब तक वितरण शुरू नहीं हुआ। किसानों का आरोप है कि बाजार में कालाबाजारी हो रही है। रेहरा बाजार में बरसात में भी किसान लाइन में खड़े रहे, लेकिन स्टॉक खत्म होने से खाली हाथ लौटना पड़ा। किसानों ने मांग की कि पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराई जाए।