पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश तक आवागमन को नया आयाम देने जा रहा है शामली-गोरखपुर एक्सप्रेसवे, करीब 750 किलोमीटर लंबा और 35 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह एक्सप्रेसवे यूपी की सड़कों का स्वरूप बदल देगा। परियोजना का ड्रोन सर्वे पूरा हो चुका है। अब डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जो दीपावली तक तैयार होने की संभावना है।
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शामली जिले के थानाभवन क्षेत्र के गोगवान जलालपुर गांव से इस एक्सप्रेसवे का आगाज होगा। एनएचएआई के परियोजना निदेशक नरेंद्र कुमार सिंह के अनुसार अगले साल की शुरुआत में अधिसूचना जारी की जाएगी और सबसे पहले निर्माण कार्य शामली जिले से ही प्रारंभ होगा। परियोजना पूरी होने के बाद यह एक्सप्रेसवे न सिर्फ औद्योगिक विकास और व्यापार को बढ़ावा देगा, बल्कि पश्चिमी यूपी से पूर्वांचल तक सफर का समय भी कई घंटे कम कर देगा।
सात चरणों में होगा निर्माण
• एक्सप्रेसवे का निर्माण सात चरणों में होगा।
• यह मार्ग यूपी के 22 जिलों और 36 तहसीलों से होकर गुजरेगा।
• परियोजना पूरी होने पर यह एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और लखनऊ-गोरखपुर एक्सप्रेसवे को जोड़ेगा।
• इससे यूपी के पश्चिम से पूर्व तक सीधा और तेज सफर संभव हो सकेगा।
पानीपत से गोरखपुर तक सीधा मार्ग
शुरुआती योजना के मुताबिक एक्सप्रेसवे शामली से गोरखपुर तक बनना था, लेकिन बाद में इसे पानीपत से जोड़ने का प्रस्ताव भी शामिल किया गया। अब यह एक्सप्रेसवे पानीपत–शामली–गोरखपुर कॉरिडोर के रूप में विकसित होगा।
किन-किन जिलों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे
यह महत्वाकांक्षी एक्सप्रेसवे शामली के अलावा मेरठ, बिजनौर, अमरोहा, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, सीतापुर, बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर और गोरखपुर समेत कुल 22 जिलों को जोड़ेगा।