बलरामपुर जिले के तुलसीपुर में स्थित देवीपाटन मंदिर में शारदीय नवरात्र के पहले दिन सोमवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी
मंदिर प्रशासन के मुताबिक 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने नवरात्र के पहले दिन माँ पाटेश्वरी के दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद लिया बलरामपुर जिले के अलावा गोंडा, बाराबंकी, अयोध्या, सिद्धार्थनगर, बहराइच, कुशीनगर आदि जिलों से भी श्रद्धालु शक्तिपीठ पहुंचे 15 दिवसीय मेले की भी शुरुआत सोमवार से हो गई मंदिर प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं को तीन चरणों में माँ के दर्शन कराए जा रहे हैं।इसके साथ ही सूर्यकुंड की तरफ भी से दर्शन की व्यवस्था की गई है मंदिर प्रशासन के मुताबिक द्वितीया से श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक उमड़ी है, ऐसे में मंगलवार से व्यवस्था और चाक-चौबंद रहेगी। जिले भर के श्रद्धालुओं को माँ पाटेश्वरी के दर्शन कराने के लिए 40 बसों की व्यवस्था रोडवेज की ओर से की गई है हालांकि पहले दिन भीड़ कम होने की वजह से सिर्फ 10 बसों का ही संचालन किया गया
कलश स्थापना के साथ शुरू हुई विशेष पूजा-अर्चना
देवीपाटन मंदिर के पीठाधीश्वर महंत मिथलेश नाथ योगी ने विधि-विधान से मां दुर्गा की पूजा की पूजा के पश्चात मंदिर परिसर में कलश स्थापना कर नौ दिवसीय नवरात्र व्रत का प्रारंभ अयोध्या से आए ब्राह्मणों द्वारा किया गया महंत मिथलेश नाथ योगी ने बताया कि नवरात्र की अष्टमी तक दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाएगा और अष्टमी के दिन हवन का आयोजन किया जाएगा मंदिर के प्रांगण में सजाए गए पंडाल और प्रतिमाओं के बीच श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन कर मंगलकामनाएं कीं।
जलपान और सुरक्षा के रहे विशेष प्रबंध
मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए गए। खोया-पाया केंद्र, बैठने और जलपान के लिए जगह, तथा मंदिर के आसपास मार्गों पर उचित व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है, पुलिसकर्मियों की तैनाती भी है।
माँ शैलपुत्री की आराधना करके मांगी सुख-समृद्धि :
शारदीय नवरात्र के पहले दिन सोमवार को मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा-अर्चना विधि विधान के साथ की गई बिजलीपुर स्थित मां बिजलेश्वरी देवी मंदिर में दर्शन-पूजन का क्रम सुबह से देर रात तक चलता रहा। नगर के झारखंडी मंदिर, कालीमाता मंदिर, सम्मय माता मंदिर और बड़िकी बहिनी थान सहित सभी दुर्गा मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की गई। तुलसीपुर के नई देवी मंदिर, रहिया देवी मंदिर और झिंगहा माता मंदिर में भीड़ रही