दिल्ली में हुए धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने नेपाल सीमा से सटे जिलों बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच के अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों का रिकॉर्ड खंगाल रही है. सुरक्षा एजेंसियां ये पता लगा रही है कि इन जिलों में कहीं नेपाल या पाकिस्तान से जुड़े चिकित्सक तो नहीं हैं. इसी क्रम में गुरुवार को बलरामपुर सीएमओ कार्यालय पहुंची एक स्पेशल टीम ने भी अहम जानकारी जुटाई.
बलरामपुर जिलें के सीएमओ कार्यालय पहुंची टीम ने उन चिकित्सकों के रिकॉर्ड पर खास नजर डाली, जिनकी पढ़ाई या किसी प्रकार का पेशेवर संपर्क नेपाल, चीन या पाकिस्तान से रहा हो. सूत्रों के मुताबिक यह भी पता लगाया गया कि क्या सीएचसी, पीएचसी या जिला अस्पताल में ऐसे चिकित्सक नियुक्त हैं, जिन्होंने मेडिकल डिग्री विदेश से हासिल की है.
टीम ने यह भी पूछा कि अल फलाह समूह के कॉलेजों से डिग्री लेने वाले चिकित्सक तो यहां कार्यरत नहीं हैं? क्या किसी चिकित्सक का संबंध विदेशी नागरिकों, खासकर सीमा पार क्षेत्रों से है? सीएमओ कार्यालय में उपलब्ध डॉक्टरों के प्रमाणपत्रों, नियुक्ति रिकॉर्ड और तैनाती सूची का डाटा भी खंगाला.
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प्रभारी सीएमओ डॉ. एसके श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि बलरामपुर जिलें में वर्तमान में ऐसी किसी विदेशी डिग्री वाले चिकित्सक की तैनाती नहीं है. उन्होंने कहा कि सभी ब्लॉक मेडिकल अधिकारियों और अधीक्षकों से भी विस्तृत रिकॉर्ड मंगाकर समग्र रिपोर्ट तैयार की जा रही है.
बलरामपुर जिलें के नेपाल सीमा से सटा होने के वजह से यह सुरक्षा कारणों से संवेदनशील माना जाता है. स्थानीय प्रशासन के अनुसार, सीमा पार से आवाजाही, मेडिकल और शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश और सीमावर्ती अस्पतालों में तैनात स्टाफ की जांच की जा रही है. एसएसबी के साथ स्थानीय पुलिस ने भी चौकसी बढ़ा दी है.
